भारतीय संस्कृति के दिव्य बालक divine child of indian culture

* आठ दिव्य बालक * हमारे धर्म ग्रंथों में ऐसे अनेक बच्चों के बारे में बताया गया है जिन्होंने कम उम्र में ही कुछ ऐसे काम किए, जिन्हें करना किसी के बस में नहीं था। लेकिन अपनी ईमानदारी, निष्ठा व समर्पण के बल पर उन्होंने मुश्किल काम भी बहुत आसानी से कर दिए। आज हम आपको 8 ऐसे ही बच्चों के बारे में बता रहे हैं- *1. बालक ध्रुव* बालक ध्रुव की कथा का वर्णन श्रीमद्भागवत में मिलता है। उसके अनुसार ध्रुव के पिता का नाम उत्तानपाद था। उनकी दो पत्नियां थीं, सुनीति और सुरुचि। ध्रुव सुनीति का पुत्र था। एक बार सुरुचि ने बालक ध्रुव को यह कहकर राजा उत्तानपाद की गोद से उतार दिया कि मेरे गर्भ से पैदा होने वाला ही गोद और सिंहासन का अधिकारी है। बालक ध्रुव रोते हुए अपनी मां सुनीति के पास पहुंचा। मां ने उसे भगवान की भक्ति के माध्यम से ही लोक-परलोक के सुख पाने का रास्ता सूझाया। माता की बात सुनकर ध्रुव ने घर छोड़ दिया और वन में पहुंच गया। यहां देवर्षि नारद की कृपा से ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र की दीक्षा ली। यमुना नदी के किनारे मधुवन में बालक ध्रुव ने इस महामंत्र को बोल घोर तप किया। इतने छोटे बालक...